चायल पैलेस (चायल)हिमाचल प्रदेश 

chail palace

नमस्कार, मैं हूं आपका मेजबान या दोस्त #अविरल जैन। आपका घूमोग भरके ब्लॉग में स्वागत करता हूं। माई #अविरल जैन अपने इस ब्लॉग के जरिए देश के ऐसे अनछुई जगहो को देखना चाहता हूं। जो भारत देश के इतिहास को याद करता है आज भी अपने में समाये हुए है। भारत का इतिहास था कहानी देखना चाहता हूँ। #यात्रा के वीडियो देखने के लिए अभी #ghumog.com को सब्सक्राइब करें.

   

 

चायल पैलेस का इतिहास

हिमाचल प्रदेश में एक से एक हिल स्टेशन मौजूद हैं, जहां केवल देश से बल्कि विदेशों से भी टूरिस्ट सैर के लिए यहां आते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं हिल स्टेशन हमें सड़ी गर्मी से राहत दिलाते हैं, लेकिन में कई लोग तो ऐसे हैं जो प्रकृति के बीच रहने के लिए यहां बस जाते हैं। किसी जमाने में पटियाला के राजा महाराजा भूपिंदर सिंह ने चैल हिल स्टेशन की खोज की थी। जिसे 130 साल पहले एक राजा ने खोजा था।

समुद्र तल से 2250 मीटर की ऊंचाई

आज हम जिस हिल स्टेशन की बात कर रहे हैं, वो हिमाचल का चैल है। ये एक छोटा हिल स्टेशन है, लेकिन खूबसूरती के मामले में अच्छे-अच्छे हिल स्टेशनों को कड़ी टक्कर दे देता है। इस जगह पर भीड़-भाड़ काफी कम देखने को मिलती है, यही कारण है इसे एक सीक्रेट हिल स्टेशन भी कह देते हैं। ये जगह समुद्र तल से 2250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चैल के आसपास टूरिस्टों के घूमने के लिए यहां कई सारी जगह मौजूद हैं।

चायल में घूमने की जगह

चायल पैलेस:-
चैल पैलेस सबसे फेमस पर्यटक आकर्षण है, जिसे 1891 में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह द्वारा बनाया गया था। 75 एकड़ भूमि में फैली ये जगह शाही फर्नीचर के साथ राजसी नजारों से भी घिरी हुई है। महल में कई तरह के कमरे हैं जैसे कॉटेज, सुइट्स और भी कई कमरों में इस पैलेस को वर्गीकृत किया गया है। हर कमरों को काफी अच्छे से डिजाइन किया गया है, इनमें आपको गर्म और ठंडे पानी की सुविधा वाले बाथरूम भी मिल जाएंगे। यहां रेस्तरां, डॉक्टर, बैडमिंटन कोर्ट और जाने क्या-क्या यहां मौजूद है।

साधुपाल झील:-

चैल में घूमने के लिए खूबसूरत जगहों की सूची में साधुपाल झील भी आती है। ये सुंदर और शांत झील "साधुपुल" नाम के एक छोटे से शहर में स्थित है, जो चैल और सोलन के बीच स्थित है। साधुपुल झील के आसपास कई रेस्तरां भी हैं, जहां लकड़ी की टेबल और चेयर रखी गई हैं, आपको देखते ही एकदम गांव जैसा फील आने लगेगा। इन रेस्तरां में आप मोमोज, मैगी, ब्रेड-ऑमलेट जैसी चीजों का मजा ले सकते हैं। तो बस झील को देखते हुए खाने का मजा लीजिए!

काली का टिब्बा:-

काली का टिब्बा" उर्फ "काली देवी मंदिर" पहाड़ी के ठीक ऊपर स्थित चैल में घूमने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से एक है। ये जगह आपको कुछ समय के लिए मन की शांति देने में मदद करेगी, मंदिर देवी काली को समर्पित है और इसमें काली मां, भगवान शिव, भगवान गणेश और कई अन्य देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां स्थापित की गई हैं। चूंकि मंदिर के आसपास केवल पहाड़ियां ही पहाड़ियां हैं, इसलिए यहां आपको काफी शांति का भी एहसास हो सकता है।

सिद्ध बाबा का मंदिर:-

राजगढ़ और पंधवा के बीच 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित चैल में सिद्ध बाबा मंदिर है, जो सिद्ध बाबा को समर्पित है। मंदिर को चैल का रक्षक माना जाता है। ये जगह केवल पर्यटकों को आकर्षित करती है, बल्कि यहां की सुंदरता भी लोगों को यहां बसने पर मजबूर कर देगी।

चायल कैसे पहुंचे:-

ट्रेन से:-

 चैल का पास रेलहेड कालका में है, जो 86 किमी की दूरी पर स्थित है। चैल तक पहुंचने के लिए, आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या बस भी ले सकते हैं। एक किराए की टैक्सी की कीमत लगभग 1700 रुपए होगी।
हवाईजहाज से:- 

शिमला का जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डा चैल से पास का हवाई अड्डा है, जो लगभग 63 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा नियमित उड़ानों के माध्यम से दिल्ली से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप हवाई अड्डे से चायल के लिए एक टैक्सी या जीप किराए पर ले सकते हैं, कीमत आपको 1,500 रुपए पड़ेगी।
सड़क द्वारा:-

 टैक्सी किराए पर लेना सबसे अच्छा विकल्प है। चैल चंडीगढ़ और सोलन के रास्ते दिल्ली से करीबन 333 किमी दूर है। कंडाघाट और चायल के बीच की दूरी सिर्फ 29 किमी है। आप राज्य द्वारा संचालित बसों या चार्टर्ड बसों से भी जा सकते हैं

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