मुनस्यारीहिलस्टेशनउत्तराखंड

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मैं हूं आपका मेजबान या दोस्त #अविरल जैन। आपका घूमोग भरके ब्लॉग में स्वागत करता हूं। माई #अविरल जैन अपने इस ब्लॉग के जरिए देश के ऐसे अनछुई जगहो को देखना चाहता हूं। जो भारत देश के इतिहास को याद करता है आज भी अपने में समाये हुए है। भारत का इतिहास था कहानी देखना चाहता हूँ। #यात्रा के वीडियो देखने के लिए अभी #ghumog.com को सब्सक्राइब करें.

मुनस्यारी हिल स्टेशन उत्तराखंड

उत्तराखंड की असली ख़ूबसूरती देखनी हो तो यहाँ के कम जानेमाने और सुदूर इलाक़ों की यात्रा पर आपको ज़रूर निकलना चाहिए। पिथौरागढ ज़िले के एक छोर पर बसा मुनस्यारी हिल स्टेशन ऐसी ही जगहों में शुमार है जहां आकर आप प्रकृति की गोद में पहुँच जाते हैं।

 

हिमालय की श्रृंखलाएं यहाँ से इतनी नज़दीक दिखाई देने लगती हैं कि आप इनकी खूबसूरती के वशीभूत हो जाते हैं। उत्तराखंड की भारततिब्बत सीमा से लगी जोहार घाटी की शुरुआत मुनस्यारी से ही होती हैं जहां से एक दौर में भारततिब्बत के बीच व्यापार की समृद्ध परंपरा थी। झरने, मंदिर, बुग्याल और ऊँचीऊँची चोटियों के विस्तार मुनस्यारी की यात्रा को यादगार बना देते हैं।

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मुनस्यारी के दर्शनीय स्थल

बिर्थी फ़ॉल (Birthi Fall Munsyari)

मुनस्यारी पहुँचने से पहले सड़क के ठीक किनारे एक विशाल झरने को देखकर आप ठिठके बिना नहीं रह पाते। मुनस्यारी से क़रीब पैंतीस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद बिर्थी जलप्रपात क़रीब 150 मीटर ऊँचा है। इतनी ऊँचाई से गिरते पानी पर हवा के तेज़ थपेड़े पड़ते हैं तो ऐसा लगता है जैसे पानी की धारा बहुत ही धीमी रफ़्तार से बह रही हो। जब झरना अपने उफ़ान पर होता है तो पानी की असंख्य फुहारें कई मीटर दूर तक भी आपको अपने शरीर पर पड़ती महसूस होती हैं।

 

जल प्रपात का नज़ारा देखने के लिए एक व्यू पॉइंट भी बना हुआ है। आप चाहें तो इसके एकदम पास जाकर नहा भी सकते हैं। तल्ला जोहार नाम के इलाके में मौजूद इस झरने पर पिछले कुछ सालों से रेपलिंग भी की जाने लगी है इसलिए यह जगह अब साहसिक पर्यटन के लिए भी जानी जाने लगी है।

कालामुनी टॉप (Kalamuni Top)

 

 

लगातार पहाड़ चढ़ती सड़क आपको जब क़रीब 9500 फ़ीट की ऊँचाई पर ले आती है तो सामने एक विस्तार खुलता है और पंचाचूली पर्वत माला को
आप अपनी आँखों के
एकदम सामने पाते हैं। बिर्थी फ़ॉल के
बाद मुनस्यारी से क़रीब पंद्रह किलोमीटर पहले आप एक जिस चोटी पर होते हैं उसका नाम कालामूनी है।

नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple)

 

मुनस्यारी से क़रीब तीन किलोमीटर सड़क मार्ग से और फिर करीब दो सौ
मीटर पैदल मार्ग से
चलकर आप इस बेहद शांत और खूबसूरत जगह पर पहुँचते हैं। नंदा देवी के इस मंदिर को उत्तराखंड के
सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है।

समुद्रतल से क़रीब 7500 फ़ीट की ऊँचाई पर
बने इस मंदिर का
धार्मिक महत्व तो है
ही, यह जगह प्राकृतिक सुंदरता के मामले में भी शानदार है इसलिए मुनस्यारी आने वाले पर्यटक यहाँ आना नहीं भूलते।

खलिया टॉप और अन्य ट्रेक  (Khaliya Top and Other treks)

अगर आप मुनस्यारी रहे हैं तो खलिया टॉप ज़रूर जाएं। क़रीब छह किलोमीटर का ट्रेक करके आप जा पहुँचते हैं लगभग 3500 मीटर की ऊँचाई पर जहां से आपको स्नोलाइन दिखाई देती है। रास्ते में मोनाल, गुरड़, काकड़, भरल जैसे स्थानीय पशुपक्षियों के नज़ारे भी आपको मिल सकते हैं।

इसके अलावा, मुनस्यारी उच्च हिमालय की शौका जनजाति का मूल निवास भी है। यहाँ से इस
जनजाति के पैत्रिक निवास जोहार घाटी और
उसके आसपास के
कई ट्रेक शुरू होते हैं इसलिए ट्रैकर्स के बीच मुनस्यारी जानापहचाना नाम है। मिलम और
रालम ग्लेशियर ट्रेक के
अलावा नंदा देवी बेसकैम्प और नामिक ग्लेशियर के ट्रेक का
पहला पड़ाव भी मुनस्यारी ही है।

मुनस्यारी कैसे पहुँचें (How to reach Munsyari)

 

रेलमार्ग से मुनस्यारी जाने के लिए आपको काठगोदाम तक आना होगा और वहाँ से बस या कैब लेकर आप मुनस्यारी सकते हैं। दिल्ली से यहाँ के साधारण सुविधाओं वाली सीधी बस भी चलती है। अपनी गाड़ी, कैब या शेयर्ड  कैब
लेकर यहाँ आना ज़्यादा सुविधाजनक रहेगा।
 

मुनस्यारी कब आएँ (Best time to visit Munsyari)

मार्च से लेकर अक्टूबर तक आप कभी भी यहाँ सकते हैं। सड़कें बहुत अच्छी नहीं हैं इसलिए बरसात में यहाँ आना बहुत सुरक्षित नहीं हैं। समुद्र तल से क़रीब तेईस सौ मीटर की ऊँचाई पर होने की वजह से सर्दियों में यहाँ अच्छीख़ासी बर्फ़बारी होती है। इस समय यहाँ आना मुश्किल भरा हो सकता है।

मुनस्यारी का मौसम (Munsyari Weather)

समुद्र तल से अच्छीख़ासी ऊँचाई पर होने की वजह से मुनस्यारी का मौसम हमेशा सुहावना रहता है। गर्मियों में मुनस्यारी का तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच में रहता है।

सर्दियों में यहाँ बर्फ़बारी का आनंद लेने के लिए लोग पहुँचते हैं। इस मौसम में आएँ तो आपको कड़कड़ाती ठंड के लिए पूरी तरह  तैयार होकर आना होगा। इस दौरान मुनस्यारी का तापमान माइनस में चला जाता है।

 

हालांकि बरसात में भी मुनस्यारी का मौसम बहुत मज़ेदार रहता है लेकिन भूस्खलन के ख़तरों के चलते यहाँ आने में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

 

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