Konark sun temple information in hindi –
हैलो दोस्तो घूमो जी लेकर आया है आप सभी के लिए भारत के एतेहासिक मंदिर ( historical temple in india ) और प्राचीन मंदिर की जानकारी लेकर है आया भारत में ऐसे बहुत से मंदिर है जो 1000 साल से प्राचीन मंदिर है आज मे उन्ही मे से एक सूर्य मंदिर ( konark Sun Temple ) बारे मे बताने वाला हूँ। ये मंदिर कितना प्राचीन है इस मं स्थान: हम्पी बाजार सेंट, कर्नाटक ।
समय: सुबह 06:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक किसी भी समय जा सकते हैं और खरीदारी कर सकते हैं।
कीमत: हम्पी बाजार की यात्रा के लिए कोई भी आपसे कोई शुल्क नहीं लगता।
हम्पी मे कई पर्यटन स्थल मौजूद है, और यहाँ आपको कई प्राचीन और एतेहासिक स्थल भी मौजूद है। आपने इस लेख मे हम्पी के पर्यटन स्थल की सूची ( hampi tourist places in hindi ) की जानकारी दी है आपको इन जगहों पर वाक् बार जरूर यात्रा करनी चाहिए।
दिर का इतिहास क्या है। सूर्य मंदिर कहाँ पर स्थित है। यहाँ घूमने कब जाना चाहिए और यहाँ तक आप कैसे पहुँच सकते हो। ये सभी जानकारी आपको इस लेख मे देने वाला हूँ।
Surya mandir kahan per sthit hai – भारत मे ओडिसा के उत्तरपूर्वी मे मौजूद कोणार्क सूर्य मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहरो मे शामिल है और ये सूर्य मंदिर ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से भी एक है। यह मंदिर सूर्य भगवान के एक विशाल रथ के रूप में बना हुआ है, इस मंदिर की बनावट मे एक रथ को सात घोड़ों के खींचते हुए दिखाया गया है। कहते है की सूर्य की किरणों मे भी सात रंग होते है ये सात घोड़े भी उन्ही रंगो के प्रतीक है।
इस मंदिर मे आपको तीन अलग-अलग जगहों पर सूर्य भगवान को समर्पित तीन देवताओं को भी दर्शाया गया हैं जो सूर्य की सुबह, दोपहर और शाम किरणों के प्रतीक हैं। सूर्य मंदिर के परिसर मे आप पुरातात्विक संग्रहालय भी देख सकते है। यहाँ होने वाले नृत्य महोत्सव के समय एक मंच के रूप मे बदला जाता है । जोकि ज्यादतर फरवरी में आयोजिन किया जाता है । सूर्य मंदिर का प्राचीन होना और यहाँ इस महोत्सव का आयोजन देखने के लिए देश – विदेश से पर्यटक यहाँ आते हैं।
कोणार्क मे स्थित सूर्य मंदिर पंद्रहवीं शताब्दी से बहुत पहले की अंतिम खड़ी संरचनाओं में से भी एक है। इस मंदिर ये बात आपको जरूर जाननी चाहिए की सूर्य की किरणें तट से होकर सीधे मंदिर तक आती हैं और मूर्ति के केंद्र मे मौजूद हीरे के मदद से प्रतिबिंबित होती हैं। ऐसा कहा जाता है। कि मंदिर के चोटी पर चुम्बकों की वजह से मूर्ति हवा में ही तैरती है। लेकिन बाद में समुद्रीय यात्राओं की वजह से हुई गड़बड़ी वजह से इन्हे यहाँ से हटा दिया गया था। सूर्य मंदिर पिछले दो हज़ार सालों से ऐसे ही स्थिर से खड़ा हुआ है।
सूर्य मंदिर इतिहास। Konark Sun Temple history in hindi | konark temple history in hindi | konark sun temple story in hindi | historical temple in india
Konark Sun Temple history in hindi – सूर्य मंदिर ( Konark Sun Temple ) का निर्माण 1255 CE मे हुआ था जब तुंगराल तुंगान खान पर पूर्वी गंगा राज वंश के राजा नरसिंह देव ने विजय हासिल की थी। मंदिर का निर्माण भी राज नरसिंह देव ने ही करवाया था। स्थानीय लोगो का कहना है। की मंदिर के बीच मे एक चुंबकीय छड़ मौजूद है, जो समुद्री जहाजों के कम्पास से जुड़कर कर हस्तक्षेप भी करती है। जो बाद मे इसके पतन का कारण भी बना।
सूर्य मंदिर की एक और आश्चर्य जनक बात बताता हूँ जो ये है, की जो सूर्य मंदिर के रथ के पहिए है वो धूप घडी के काम करते है। जो सही समय को बताते है।
कोणार्क मंदिर के गिरने की और बात बताई जाती है। जोकि कालापहाड से जुडी हूई है। उड़ीसा के इतिहास के अनुसार कालापहाड़ ने सन १५०८ में यहां पर आक्रमण किया और सूर्य मंदिर सहित उड़ीसा के बहुत से हिन्दू मंदिर भी ध्वस्त कर दिये थे। उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर के मदन पंजी कहते हैं, कि कैसे कालापहाड़ ने उड़ीसा पर हमला किया। कोणार्क मंदिर सहित उसने अधिकांश हिन्दू मंदिरों की मूर्तियाँ भी ध्वस्त कर दी थी।
लेकिन कोणार्क मंदिर की 20- 25 फीट मोटी दीवारों को तोड़ नही पाया तो उसने किसी तरह से दधिनौति “मेहराब की शिला” को हिलाने का प्रयोजन कर लिया, जो कि इस मंदिर के गिरने का कारण बना थी । दधिनौति के हटने के कारण ही मन्दिर धीरे-धीरे गिरने लगा था। मंदिर की छत से भारी पत्थर गिरने की वजह से मूकशाला की छत भी ध्वस्त हो गयी। उसने यहाँ की ज्यादातर मूर्तियां और कोणार्क के और भी बहुत से मंदिर भी ध्वस्त कर दिये।
Best Time To Visit in Konark sun Temple – ओडिशा में गर्मियां बहुत उमस भरी होती हैं आपको इस मौसम में यहां नही आना चाहिए। यहाँ आने का सबसे सही समय सितंबर से मार्च तक अच्छा होता है। यहाँ का तापमान इस समय सुखद और ठंडा रहता है। और आप इसी दौरान डांस फेस्टिवल जो की ज्यादातर फरवरी में आयोजित किया जाता है , इसका भी लुफ्त उठा सकते हैं।
सूर्य मंदिर, कोणार्क कैसे पहुंचे । How To Reach Konark sun Temple in Hindi
Puri to konark temple distance – सूर्य मंदिर पुरी से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भी है। और सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुवनेश्वर मे है जोकि साठ किलोमीटर दूर है जो यहाँ की राजधानी भी है।
वायु मार्ग से | How To Reach Konark Sun Temple by Flight :- भुवनेश्वर में बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नजदीकी हवाई अड्डा है। यहां से कोणार्क की दूरी लगभग 64 किलोमीटर की है। टैक्सी हवाई अड्डे के बाहर आपको आसानी से मिल जायेगी।
रेल मार्ग से | How to Reach Konark sun temple by train :- पुरी निकटतम रेल यहाँ का नेटवर्क है जहां से कोणार्क की दूरी लगभग 15 किलोमीटर की है। पुरी देश के ज्यादातर हिस्सों से रेलवे मार्ग अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सूर्य मंदिर तक पहुँचने के लिए रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस आपको आसानी से मिल जायेगी।
सड़क मार्ग से | How to reach konark sun temple by road :- आपको अपने शहर से भुवनेश्वर के लिए राज्य परिवहन की बस ले सकते है जोकी कोणार्क मंदिर से लगभग 65 किलोमीटर की दूर पर मौजूद है ।