उत्तराखंड का ‘शांघड़

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नमस्कार, मैं हूं आपका मेजबान या दोस्त #अविरल जैन। आपका घूमोग भरके ब्लॉग में स्वागत करता हूं। माई #अविरल जैन अपने इस ब्लॉग के जरिए देश के ऐसे अनछुई जगहो को देखना चाहता हूं। जो भारत देश के इतिहास को याद करता है आज भी अपने में समाये हुए है। भारत का इतिहास था कहानी देखना चाहता हूँ। #यात्रा के वीडियो देखने के लिए अभी #ghumog.com को सब्सक्राइब करें.

शांगढ का इतिहास

हिमाचल में कुल्लू जिले की सैंज घाटी में शांघड़ बेहद ही शानदार जगह है। यहां की खूबसूरती को निहारने के लिए हर साल यहां हजारों की संख्या में पर्यटन देश और विदेश से पहुंचते हैं। शांघड़ मैदान को कुल्लू जिले का खज्जियार या भारत का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। ये जगह सुंदरत के मामले खज्जियार जैसे मशहूर पर्यटन से कम नहीं है। आपको इस जगह को देखकर यही कहेंगे कि ऊपर वाले ने शांघड़ पर जमकर खूबसूरती बरसाई है। अगर आपको प्रकृति से बेहद प्यार है

शांगढ़ के मैदानों

शांघड़ के मैदान में आपको वो कुछ मिल जाएगा, जिनकी आप एक प्राकृतिक जगह पर देखने की इच्छा जाहिर करते हैं, जैसे यहां के हरे-भरे, शांत और खूबसूरत नजारे! यहां आप चारों ओर से अद्भुत चीड़ के पेड़ों और रंग-बिरंगे छोटे-छोटे घरों के बीच जाकर इस जगह को यादगार बना सकते हैं। यहां के घास के मैदान सूर्यास्त के समय बेहद ही शानदार लगते हैं।

खूबसूरत बरशानगढ़ झरने

इस दूधिया सफेद झरने को देखने के लिए आप सुबह जल्दी उठकर ड्राइव करते हुए आराम से पहुंच सकते हैं। आधे घंटे की दूरी पर मौजूद ये वाटरफॉल देखने में काफी आकर्षक लगता है, यहां आप झरने का एक घूंट स्वाद भी ले सकते हैं। इस जगह के पाइन पेड़ों की खुशबू और हवा का झोंका दिमाग को फ्रेश कर देता है। झरने के आसपास पक्षियों का शोर आपको कुछ देर गुजारने के लिए मजबूर कर सकता है।

ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन

हरा-भरा शहर शांगढ़ अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है, जो एक समृद्ध इतिहास को समेटे हुए, जहां की वास्तुकला देखने लायक है। सबसे प्रतिष्ठित स्थानीय मंदिरों में से एक, शांगचुल महादेव मंदिर, शांगढ़ मीडोज में स्थित है। साथ ही यहां के रैला गांव में लकड़ी से बना एक टॉवर मंदिर भी है। सैंज घाटी के चारों ओर बिखरे हुए कुछ अन्य मंदिर हैं, जिनमें शंशर में मनु ऋषि मंदिर भी शामिल है, जहां आप मन की शांति के लिए दर्शन करने जा सकते हैं।

शांगढ में धर्म एवं संस्कृतियाँ    

शांगगढ़ के लोग ज़्यादातर हिंदू हैं और देवता शंगचूल महादेव के नियमों का पालन करते हैं। यहाँ का सबसे प्रमुख मंदिर भी देवता शंगचूल महादेव को समर्पित है।

घाटी के माध्यम से ट्रैकिंग

प्रकृति के शानदार नजारों के साथ, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में कई ट्रैकिंग पॉइंट्स हैं, जो एडवेंचर के शौकीनों को बेहद पसंद आते हैं। जंगों थैच के लिए एक रात का सबसे छोटा ट्रैक है, जो आपको खूबसूरत फूलों, घास के मैदानों और चारों ओर पक्षियों के साथ जंगलों के रास्तों से ले जाता है। अगर आप और ज्यादा रोमांच चाहते हैं, तो थिनी थैच और पुंड्रिक झील को देखने के लिए आप अपनी लिस्ट में एक या दो और जोड़ सकते हैं।

रैला के जुड़वां टावर

घाटी की कई बस्तियों के शानदार दृश्य पेश करने के लिहाज से रैला के जुड़वां टावर भी देखने लायक जगहों में आते हैं। हर मंजिल पर बने छोटे-छोटे कमरे, आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे कि यहाँ लोग किसी जमाने कैसे रहा करते होंगे? शांगढ़ वापस जाने से पहले जुड़वां टावरों, रैला गांव, रैला मंदिर और छिपे हुए झरनों को देखना भूलें।

शांघड़ कैसे पहुंचें

बस सेमनाली से, ऑट टनल स्टॉप का विकल्प चुनें। यहां से सैंज के लिए लोकल बस लें सकते हैं।

ट्रेन से - जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर सैंज के लिए टैक्सी या बस लें।

हवई मार्ग से - कुल्लू हवाई अड्डे पर पहुंचकर भंतर से टैक्सी या बस आपको सैंज ले जाएगी।

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